भारत सरकार के 74वें संविधान संशोधन एक्ट के अन्तर्गत सत्ता में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये तीन स्तरीय स्थानीय निकायों का गठन किया गया, जिनका एक उद्देश्य नागरिकों को शुद्ध जलापूर्ति एवं सीवर व्यवस्था उपलब्ध कराना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये उ0प्र0 सरकार द्वारा वाॅटर सप्लाई एवं सीवरेज एक्ट 1975 की धारा 18 (1) के अन्तर्गत लखनऊ जल संस्थान का गठन किया गया।
लखनऊ जल संस्थान का मिशन / विजन
- नागरिकों को उचित मात्रा, उचित दाब एवं उचित स्थान पर शुद्ध जलापूर्ति उपलब्ध कराना है।
- नागरिकों को बेहतर सीवर सुविधा उपलब्ध कराना ।
लखनऊ जल संस्थान के कर्तव्य
- नगर में अबाध शुद्ध पेयजलापूर्ति सुनिश्चित करना ।
- नागरिको सीवर सुविधा उपलब्ध कराना ।
- जल के संरक्षण के विषय में नागरिकों में जागरूकता पैदा करना ।
- जलापूर्ति में संक्रमण को रोकना ।
- जल संस्थान के कार्यो में पारदर्शिता एवं नागरिकों को बेहतर सुविधा देना ।
लखनऊ जल संस्थान के मुख्य कृत्य:
जल संस्थान के निम्नलिखित कृत्य होंगेः
- जल सम्भरण की योजनाएं बनाना, उनकी प्रोन्नति करना तथा उनका निष्पादन करना और जल
सम्भरण की दक्ष प्रणाली का संचालन एवं अनुरक्षण करना ।
- जहां साध्य हो वहां सीवर-व्यवस्था, सीवेज सम्बन्धी शोधन और निस्तारण तथा व्यापारिक
द्रव पदार्थ के शोधन की योजना बनाना, उसकी प्रोन्नति तथा निष्पादन और उसका
प्रवर्तन। मेनहोलो को साफ करना एवं सीवर लाइनों का अनुरक्षण करना ।
- अपने कार्य-कलापों का इस प्रकार प्रबन्ध करना जिससे कि अपनी अधिकारिता के अन्तर्गत
आने वाले क्षेत्रा के लोगों को स्वास्थ्यप्रद जल मिल सके और, जहां साध्य हो वहां
दक्ष सीवर-व्यवस्था सम्बन्धी सेवा की व्यवस्था की जा सके ।
- ऐसे अन्य उपाय करना जो किसी आपात के समय जल सम्भरण को सुनिश्चित करने के लिये
आवश्यक हो ।
- नगर में स्थापित हैण्डपम्पों का अनुरक्षण करना, स्टैण्ड पोस्टों का अधिष्ठापन एवं
अनुरक्षण करना ।
- नये जल/सीवर संयोजन प्रदान करना ।
- जलकर/जलमूल्य/सीवरकर आरोपित करना एवं वसूलना ।
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